(शेयर बाजार) Share Market क्या है ?
- 🌟 परिचय (Introduction) —
शेयर मार्केट दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है, शेयर और मार्केट , शेयर का मतलब होता है , छोटा हिस्सा और मार्केट का अर्थ होता है , बाजार जहां पर किसी सामान को खरीदा या बेचा जाता है । मतलब ऐसा बाजार जहां पर किसी हिस्सा को खरीदा या बेचा जाता है , उसे हम शेयर बाजार कहते हैं ।
**** शेयर बाजार का मतलब है कंपनियों के शेयर्स को खरीद कर उस के बिज़नेस में हिस्सेदार बनना। फिर जैसे-जैसे ये बिज़नेस बढ़ते और सफल होते हैं, वैसे-वैसे आपका पैसा भी बढ़ता है।
**सबसे अच्छी इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी कौन सी है?
इन्वेस्टिंग करने की सबसे सफल स्ट्रेटेजी है वैल्यू इन्वेस्टिंग।
इसका मतलब होता है कि अच्छे कंपनियों का शेयर का भाव जब काम हो जाता है, तब उसे हम खरीद कर अपने पास रख सकते हैं, और जब उसका भाव बढ़ जाए तब उसे हम बाजार में बेचकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं ।
वैल्यू इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी कैसे काम करती है?
वैल्यू इन्वेस्टिंग का मतलब है कि अच्छी कंपनियों के शेयर तब खरीदना जब वे सस्ते कीमत पर उपलब्ध हों।
शेयर मार्केट में किस चीज के हिस्सा को खरीदा और बेचा जाता है ?—-
शेयर मार्केट में हम कंपनियों के हिस्सा को खरीदने और बेचते हैं , हर कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है और शेयर मार्केट हर कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए पैसे की जरूर को पूरा करता है । कोई भी कंपनी अपना छोटा सा हिस्सा शेयर मार्केट में बेचकर पैसा इकट्ठा कर सकती है ।
***शेयर मार्केट एक ऐसा जगह है जहां पर कंपनी जनता से पैसा इकट्ठा करती है , अपने कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए जैसे-जैसे कंपनी आगे बढ़ता है उससे जनता को भी फायदा होता है , जो आदमी उस कंपनी का शेयर खरीदना है , वह आदमी उस कंपनी के छोटे से हिस्सा का मालिक बन जाता है । इसका मतलब यह भी नहीं होता है , कि हम कंपनी का मालिक बन गए इसका मतलब होता है हम कंपनी के फायदे या घाटे का हिस्सा बन गये है , जिस कंपनियों का शेयर बढ़ जाता है, उसे कंपनी का शेयर बेचकर हम लाभ कमा सकते हैं । और जब कंपनी को फायदा होता है ,तो वह कंपनी अपने फायदे का कुछ पाठ अपने शेयरहोल्डर को दे देता है जिसे हम Dividends कहते हैं ।
*** इसका मतलब यह है कि हम किसी कंपनी का शेयर 10 पैसे के हिसाब से खरीदते हैं उसे कंपनी का शेयर 5 साल बाद ₹10 हो जाता है इसका मतलब क्या हुआ कि जब उसे कंपनी का शेर बढ़ जाता है तब हम उसे शहर को बेचकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं ।
**** शेयर बाजार हमें कंपनियों के शेयर होल्डर बनकर पैसा कमाने का मौका देती है लेकिन हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की कंपनी हमको तभी मुनाफा देगा जब कंपनी को लाभ होगा कंपनी को लाभ नहीं होगा तो , हमें भी लाभ नहीं होगा।
🏛️ भारत में प्रमुख शेयर बाज़ार —
*** Sensex और Nifty क्या है ?
इंडिया में केवल दो ही स्टॉक एक्सचेंज है –
1. NSE – National Stock Exchange
2. BSE – Bombay Stock Exchange
कंपनी केवल NSE पर लिस्टेड हो सकती है या कंपनी केवल BSE पर लिस्टेड हो सकती है या दोनों पर NSE or BSE पर लिस्टेड हो सकती है ।
*** NSE OR BSE —
NSE OR BSE पर लिस्टेड कंपनियों कैसी परफॉर्म कर रही है , इसके लिए इंडेक्स (Index) बनाया गया है l
– BSE ने अपना इंडेक्स का नाम सेंसेक्स (Sensex) दिया है, जिसका पूरा नाम Sensitive Index है। जबकि NSE ने अपना इंडेक्स का नाम Nifty दिया है, जिसका पूरा नाम National Fifty है।
– सेंसेक्स (Sensex) BSE पर लिस्टेड 30 बड़ी कंपनियों को परफॉर्मेंस ( Performance)को बताता है , जबकि Nifty NSE पर लिस्टेड 50 बड़ी कंपनियों को परफॉर्मेंस ( Performance)को बताता है I
💹 शेयर मार्केट के प्रमुख भाग –
*** IPO क्या है ?
IPO का फुल फॉर्म Initial Public Offering है।
यदि कोई कंपनी फर्स्ट टाइम अपना शेयर पब्लिक को बेचती है या पब्लिक के बीच लाती है तो उसे ही हम IPO कहते हैं ।
— कंपनियां बहुत तरीके से IPO लाती है , जैसे की कंपनी को ग्रोथ के लिए, पुराने लोन चुकाने के लिए, New Product लॉन्च करने के लिए या नई कंपनी खरीदने के लिए –
*** कंपनी अपना IPO कैसे लाती है ?
यदि कोई कंपनी अपना आईपीओ लाती है , तो उसे एक अपना एक डीटेल्स प्लान तैयार करना पड़ता है । जैसे –
— Company History
— Financial Details
— Future Plan etc..
इस पूरे प्लान को DRHP ( Draft Red Herring Prospectus ) कहते हैं । कंपनियों को ये डॉक्युमेंट SEMI ( Securities and exchange board of India ) के पास सबमिट करना पड़ता है , जो की एक्सचेंज बॉडी है, जो शेयर मार्केट को प्रदर्शित (Repergent)करती है।
शेयर बाजार (Stock Market) में दो तरह की चीजें होती है –
1. Investing
2. Trading
Investing मे तीन प्रकार के सेगमेंट होते हैं —
1. Share Buy & Hold —
आप शेयर Buy करके Hold कर सकते हैं , जब कंपनी ऊपर जाएगा तो आपके शेयर भी ऊपर जाएगा , इसके लिए आपको कंपनी का Fundamental रिसर्च भी करना पड़ता है ।
2. Mutual fund –
यहां पर आप अपना पैसा फंड हाउस को देते हो , जहां पर अच्छे-अच्छे रिसर्चर होते हैं यह स्मार्ट लोग होते हैं वह आपका पैसा कंपनी में लगाते हैं और जो उसका रिटर्न आता है, उसमें कुछ खुद रखते हैं और कुछ आपको देते हैं ।
3. ETF ( Electronic traded fund ) –
इसमें Simple आपको index choose करना पड़ता है , eg – Nifty 50 , Bank nifty, Mid Cap Nifty और आप ETF Buy करते हो । जैसे-जैसे देश का GDP ऊपर जाएगा , आपको पैसा ऊपर जाएगा अगर वह नीचे गिरा तो आपका पैसा भी नीचे गिरेगा , सबसे सेफ है ।
*** Trading —-
Trading में भी तीन शिग्मेंट है –
1. Equity intraday
2. Futures
3. Options
** Equity intraday –
इक्विटी इंट्राडे में आपको 5x का लेवरेज मिलता है ,
यदि आपके पास₹10000 है तो आप 50000 के साथ ट्रेडिंग कर सकते हैं प्रॉफिट होगा तो 50000 के साथ होगा यदि loss होगा , वह भी 50000 के अनुसार होगा ।
**Futures —
Futures भी इंट्राडे जैसा है 5x लेवरेज मिलता है लेकिन इसको आप one month तक होल्ड कर सकते हैं । Same 5x leverage hold for a month .
** Options –
इसमें लगभग 100x तक leverage होता है। इसमें बहुत बड़ा पैसा बना भी सकते हैं और इससे बहुत बड़ा पैसा डूबा भी सकते हैं ।